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लेखनी ,# कहानीकार प्रतियोगिता # -01-Jul-2023 मेरा बाप मेरा दुश्मन भाग 24


               मेरा बाप मेरा दुश्मन 


              अब तक के भागौ में आपने पढ़ा  कि तान्या व विशाल ने भागकर  विवाह किया जिससे दुःखी होकर  तान्या के मम्मी पापा ने जहर खाकर  आत्महत्या करली। जब यह खबर  तान्या को मिली वह टेन्शन में आगई  और उसको ट्यूमर होगया।  तान्या की लम्बी बीमारी से मौत के बाद रमला की परवरिशके लिए  विशाल सारिका से शादी कर लेता है।

        सारिका की सहेली सलौनी रमला की सुन्दरता देखकर  उससे पैसा कमाने का लालच सारिका। को देती है। सारिका व सलौनी विक्रम  के द्वारा रमला को प्यार के जाल में फसवाते हैं। रमला उस जाल में फसकर भी सतर्क रहती है। अब रमला विक्रम   से जिद करने लगी की वह अपने मम्नी पापा से मिलबाऐ इसके बाद सलौनी ने एक गरीब बुजुर्ग दम्पत्ति को लालच देकर  विक्रम  के नकली मम्मी पापा बनाकर मिलवा  दिया । लेकिन रमला को विक्रम  की की बातपर शक हो गया की यह विक्रम  के मम्नी पापा नहीं हैं।
           अब रमला की समझ में आने लगा कि उसके साथ कोई  साजिस रची जारही है रमला ने भी अपनी सौतेली माँ सलौनी व  विक्रम  की जासूसी एक सूरज नाम के अपने पुराने दोस्त से करवाना शुरू करदी।  आगे की कहानी इस भाग में पढ़िए। 

        अब सूरज विक्रम से  कहानी सुनकर रोमांचित हो रहा था। उसने विक्रम को  पूछा," इसके आगे क्या हुआ?"

विक्रम बोला," अब वह मुझसे शादी करना चाहती है और वह मुझसे मेरे मम्मी पापा से मिलने की जिद करने लगी थी। मेरे पापा लव मैरिज के पक्ष मे कभी नही रहे। रमला की जिद पूरी करने की खातिर मैने उसे एक नकली मम्मी पापा से मिलवा दिया।
सूरज= तू कमाल का चालू है। नकली मम्मी पापा बनाकर उसे मिलवा दिया। अब क्या हो रहा है?"

विक्रम=  अब रमला को कहाँ से मेरे पापा का फौन नम्बर मिलगया है और वह मेरे पापा को फौन से पूछ रही थी। "

सूरज = क्या पूछ रही थी?"

विक्रम = वह मेरे पापा से पूछ रही थी कि आपको विक्रम ने मुझसे मिलवाया था आप वही हो। यह सुनकर पापा ने उसको मना करके फौन काट दिया था ।और मुझसे पूछा था मैने बहुत मुश्किल से उनको समझाया था। अब मै क्या करूँ।

सूरज = रमला को सच बताकर  अपनी जान बचाले।  इसी में तेरी भलाई है।"

विक्रम= सलौनी व सारिका के पास मेरे वीडियो है वह कहती है कि वह मुझ पर रेप का केस कर देगी। मेरा क्या होगा। मेरी इज्जत मिट्टी में मिल जायेगी। मेरे पापा घर से निकाल दैगें । "

सूरज=विक्रम तू बास्तव में फस चुका है। तू रमला को अपने दिल की बात बता जिससे रमला ही कोई उपाय बता सकती है। "

विक्रम = सूरज  तू ठीक कहरहा है अब इसका उपाय वही बता सकती है अब मुझे रमला को साफ बता देना चाहिए । मै कब तक  इन तीनौ के बीच में फसा रहूँ गा। "

           अब विक्रम ने रमला से मिलने का फैसला कर लिया।और उसे पूरी कहानी भी बताने को  मन में सोच लिया।

         उधर सूरज ने रमला से मिलकर पूरी घटना बताई। अब रमला को विक्रम की प्रतीक्षा थी कि वह कब मिलता है।
        दूसरे दिन रमला के पास विक्रम का फौन आया।

विक्रम =" रमला तुम कहाँ हो ?"
रमला = " क्यौ क्या हुआ? सब ठीक तो है इस तरह परेशान क्यौ हो रहा है।  रमला ने अनजान बनते हुए पूछा।"

विक्रम = " सब ठीक है मुझे तुमसे अभी मिलना है ।इसकी खबर अपनी सौतेली माँ को मत बताना कि तुम मुझसे मिलने आरही हो।"

रमला= " लेकिन मिलना कहाँ है?"

   विक्रम ने एक पार्क का नाम बता दिया । कुछ समय बाद रमला वहाँ पहुँच गयी। रमला को तो सब मालूम होचुका था परन्तु वह यह सब विक्रम के मुँह से भी सुनना चाहती थी।

      कुछ समय बाद विक्रम भी वहाँ पहुँच गया। और रमला से बोला ," रमला मुझे माफ करना मै अबतक तेरे साथ आँख मिचौली का खेल खेलता रहा। "

         "क्या हुआ? कैसी आँख मिचौली ? कुछ बात तो बता । यह पहेलिया क्यौ बुझा रहा है। तेरी बात मेरी समझ से बाहर है ।" रमला अनजान बनती हुई बोली।

विक्रम= रमला  तेरी मम्मी व सलौनी ने मिलकर तेरे बिरुद्ध बहुत बडी़ साजिस रची है।  उसने मुझे भी फसा रखा  है और वह दोंनौ मिलकर मुझे तुझसे प्यार करने को कहा था। उन दौनौ ने  ही मुझे तुझसे मिलवाया था।"

         इसके बाद विक्रम ने उसे पूरी कहानी बताई और यह भी बताया कि किस तरह  उसका वीडियो बनाकर उसको ब्लैक मेल किया जारहा है। यह भी बताया कि तुम्हारी सौतेली माँ ने इसी लिए हम दोंनौ को इतनी छूट देरखी है।

          उन दोनौ ही मेरे लिए नकली मम्मी पापा का इन्तजाम किया था। क्यौकि मेरे पापा लव मैरिज के सख्त खिलाफ है। अब मैने उन दोंनौ का असली चेहरा तुमको बताकर अपना दिल का बोझ उतार दिया है।

   अन्त मे विक्रम बोला," रमला मै तुमसे माफी माँगता हूँ और तुमको एक सलाह देता हूँ तुम अपनी सौतेली माँ को छोड़कर कही और चली जाना यह तुमको कहीं न कही बुरी तरह फसा देगी। यह बहुत ही मक्कार औरत है।

     अब रमला की समझ में सारा खेल आचुका था परन्तु विक्रम के अलावा उसके पास कोई और सबूत नहीं था जिसे वह अपने पापा को देकर आपनी सौतेली माँ की शिकायत कर सकती।

      वह विक्म को समझाते हुए बोली " देख विक्रम इसमे तेरा कोई दोष नहीं है ।इस तरह कोई भी फस सकता है ।आज तुमने मुझे सच बताकर मेरा दिल जीत लिया। मै तुयसे अब और अधिक प्यार करने लगी हूँ। "

       विक्रम बोला," नही रमला मेरे पापा को यह सब कभी भी स्वीकार नही होगा।वह हमारे रिश्ते को कभी भी स्वीकार नहीं करेंगे। मै उनको बहुत नजदीक से जानता हूँ।"

      रमला बोली," मै तुम्हारे साथ ही शादी करना चाहती हूँ।"
   विक्रम ने उत्तर दिया," मै इसकेलिए हाँ नही कर सकता हूँ क्यौकि मै अपनी माँ को किसी भी तरह अकेला नहीं छोड कर नहीं जाऊँगा। "

रयला= विक्रम इसका मतलब तुम मुझे अकेला छोड़कर चले जाओगे। कुछ तो सोचो ।"

   रमला ने विक्रम को बहुत समझाया लेकिन वह तैयार नही हुआ। वह अपने पापा से बहुत डरता था। उसने रमला को समझाया कि मै मजबूर हूँ। यदि तुम मेरा भला चाहती हो तो मुझसे बहुत दूर चली जाओ गसी में हम दोंनौ की भलाई है।

                               "   क्रमशः"


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3 Comments

madhura

06-Sep-2023 05:15 PM

Nice

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Saroj Verma

27-Jul-2023 01:01 PM

👏👏👏👏 very nice

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Gunjan Kamal

27-Jul-2023 11:09 AM

👌👏

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